झालावाड़ संग्रहालय का 110वां स्थापना दिवस मनाया गया

दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (पत्रकार रामलाल रैगर) l झालावाड़ 01 जून। पर्यटन विकास समिति द्वारा रविवार को स्थानीय पुरातत्त्व संग्रहालय परिसर में संग्रहालय का 110वां स्थापना दिवस एक संगोष्ठी के रूप में मनाया गया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि संग्रहालय के स्मारक परिचारक पप्पूलाल मीणा ने कहा कि संग्रहालय भारतीय संस्कृति के स्वर्णिम इतिहास के दर्शन कराते है। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुये समाज सेवी लक्ष्मीकान्त पहाड़िया ने कहा कि संग्रहालयों का अवलोकन प्रत्येक समाज के परिवार को करना चाहिए ताकि हम भारतीय संस्कृति को समझ सकें। विशिष्ठ अतिथि साफ्टवेयर एज्यकेशन के निदेशक विनित शर्मा ने कहा कि आज की पीढ़ी को हमें संग्रहालय की सांस्कृतिक सम्पदा के बारे में बताना चाहिए।
पर्यटन विकास समिति के संयोजक ओम पाठक ने कहा कि झालावाड़ का संग्रहालय ऐतिहासिक पुरासम्पदाओं के कारण विश्व विख्यात है इस संग्रहालय स्थापना से हमें हमारी संस्कृति की झलक नजर आती है, इस संग्रहालय में कई विश्व प्रसिद्ध मूर्तियां हैं जो संग्रहालय की शान को बढ़ाती है।
मुख्य वक्ता इतिहासकार ललित शर्मा ने कहा कि 01 जून 1915 को महाराज भवानीसिंह ने इस संग्रहालय को स्थापित किया था। वर्तमान में इस सुन्दर संग्रहालय में 500 से अधिक दुर्लभ मूर्तियां 8वीं से 18वीं सदी की है। यहां का 5वीं सदी का गंगाधार शिलालेख पूरे देश के शिलालेखों में चर्चित है। यहां 2 हजार से अधिका प्राचीन सिक्के तथा 250 से अधिक हस्तनिर्मित चित्र और 30 से अधिक हस्त निर्मित सुन्दर ग्रन्थ है जो झालावाड़ की सुन्दर संस्कृति के उदाहरण है।
समाज सेवी नन्दसिंह राठौड़ ने कहा कि झालावाड़ की एक प्राचीन धरोहर इन्द्र विमान रथ वर्तमान में उदयपुर में रखा है अतः जिला प्रशासन को चाहिए की वह इस सुन्दर ऐतिहासिक रथ को झालावाड़ के संग्रहालय में लाने का प्रयास करे। नफीस शेख ने कहा कि जिला प्रशासन को चाहिए की इस संग्रहालय की सम्पदा और इसके महत्व का होर्डिंग बोर्ड लगाकर तथा प्रत्येक विद्यालय के बालकों को इसका अवलोकन करवाकर प्रचार प्रसार करना चाहिए।
इस अवसर पर प्रथम लेखाकार सालिगराम दांगी, उमाकान्त शर्मा, भगवती प्रसाद मेहरा, भारत सिंह राठौड़, कन्हैयालाल कश्यप, मंजीत सिंह कुशवाह, जावेद चौधरी, लियाकत अली, सूरजकरण नागर, प्रभूलाल, दौलतराम, लालचन्द रेगर, मोहनलाल ने भी विचार व्यक्त किये। आभार प्रदर्शन समिति के कोषाध्यक्ष कन्हैयालाल कश्यप ने किया। इस अवसर पर सभी को संग्रहालय की मूर्तियों चित्रों, ग्रन्थों तथा अस्त्र-शस्त्रों का अवलोकन कराया गया।