श्रीमती वसुधा श्रीवास्तव को शिक्षा-साहित्य व सामाजिक क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु सम्मानित किया जाएगा ।
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l गोपाल किरण समाजसेवी संस्था, ग्वालियर के तत्वाधान में 28 अक्टूबर 2023 को आयोजित होने वाले एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार ब्रिलियंस अवार्ड सेरेमनी का भव्य समारोह बंगलुरु के कार्यक्रम में मुख्य संरक्षक कैलाश चन्द मीणा (IFS), मुख्य अतिथि व वक्ता डॉ० बी.पी. अशोक (IPS), व सूर्यकांत शर्मा होंगे l इनकी गरिमामयी उपस्थिति में श्रीमती वसुधा श्रीवास्तव को शिक्षा-साहित्य व सामाजिक क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा ।
श्रीमती वसुधा श्रीवास्तव W/o श्री टी डी श्रीवास्तव का जन्म 03 मई 1964, को फतेहपुर यूपी में हुआ l इनके पिता का नाम मदन किशोर श्रीवास्तव एडवोकेट है l शिक्षा एम ए संस्कृत, हिंदी B.ed तक प्राप्त की है l गोपाल किरन समाजसेवी संस्था से जुड़ी हुई है l
व्यवसाय : शिक्षिका 1986 से भेल शिक्षा मंडल विद्यालय में वर्तमान में जवाहर विद्यालय में व्याख्याता के पद पर, विभागाध्यक्ष हिंदी, संस्कृत विभाग, जवाहरलाल नेहरू विद्यालय बीएचईएल भोपाल मध्य प्रदेश l
प्रकाशन विवरण : अभ्युदय समाचार पत्र एवं पत्रिका, प्रतिलेख समूह ,कर्नाटक इकाई भारत 75 अमृत महोत्सव में कविता,फेसबुक लाइव हिंदी साहित्य अमेरिका इकाई, साझा काव्य संग्रह अभिलाषा, मैं नारी हूं, अभ्युदय,
कर्नाटक इकाई में मकर संक्रांति प्रतियोगिता में प्रथम स्थान ,कविता लोक,हिंदी साहित्य संस्थान दिल्ली, चित्रांश साहित्य मंच, ,इत्यादि यह सभी ऑनलाइन हैं । हिंद देश अमेरिका इकाई में पुष्प कविता का चयन, कनाडा साहित्य समूह में कविता प्रेषित, साझा काव्य संग्रह अभिलाषा आत्मजा, मैं नारी हूं, मां, सारंग,अमर जवान, इत्यादि।
महादेवी स्मृति नारी शक्ति सम्मान भोपाल में मिला था। और काव्य पाठ किया था। मध्य प्रदेश कवयित्री सम्मान के लिए चयन l
कविता लोक समूह में भी कविताएं प्रेषित, पित्र दिवस और मातृ दिवस कविता, पत्रिका समाचार पत्र में पर्यावरण कविता प्रकाशित हुई थी। साहित्य दर्पण में वृक्षारोपण और अन्य दोषी कविताएं, अपने विद्यालय जवाहर लाल नेहरू का जवाहर गीत जो स्कूल के लिए प्रतिदिन उपयोगी है, आरिणी चैरिटेबल समूह के द्वारा किन्नरों को सम्मानित किया गया था उसमें * किन्नर* विषय पर कविता का पाठ,प्रतिलेख, अभ्युदय, इत्यादि। आपके समूह में भी मैं बराबर योगदान देने का प्रयास करती हूं। पुनीत अनुपम साहित्य समूह में भी नारी, प्यारा बचपन, इत्यादि कविताऐं ।