रैगर समाज में राजनीति नहीं, केवल रैगरों के विकास की बात हो – समाजसेवी मोती लाल वर्मा (उदीनिया)
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l समाजसेवी मोती लाल वर्मा (उदीनिया) ने समाजहित एक्सप्रेस को फोन पर बातचीत के दौरान बताया कि अखिल भारतीय रैगर महासभा का त्रिवार्षिक चुनाव रैगरों का चुनाव है इसमें वास्तविक रूप से रैगरों का प्रतिनिधित्व करने वालो को ही भाग लेना चाहिए l रैगर समाज में राजनीति नहीं, केवल रैगरों के विकास की बात हो l सामाजिक विकास का काम सिर्फ बैठक करना और केवल हवा मे विकास की बात करना यहीं तक सीमित न हो l समाज में बदलाव लाने के लिए हम बहुत कुछ कर सकते हैं । लेकिन एकदम विकास करना असंभव है, अगर हम विकास कार्यों की प्लानिंग कर समाज के लिए कुछ करें तो निश्चित तौर से समाज में बदलाव दिखेगा ।
उन्होंने कहा कि रैगर समाज से हम सबकी पहचान है, आज मैं जो भी हूं वह समाज की देन है । मैं रैगर समाज का बेटा हूं । समाज ने मुझे जो प्रेम और इज्जत दी, यह मेरे लिये गर्व की बात है, इसलिए जब-जब समाज को मेरी जरूरत होगी मैं समाज के साथ खड़ा रहूंगा । समाज के हक अधिकारों की लड़ाई के लिए हमारे महापुरुष कई बार जेल भी गए और कई दिनों तक भूखे भी रहे थे । महापुरुषों की प्रेरणा से समाज वर्षों से रैगर समाज को एक नई दिशा देने का कार्य कर रहा है और लोग सामाज उत्थान के कार्यों में भी अपनी भागीदारी निभा रहे हैं । लेकिन आज समाज को एकसूत्र मे पिरोने के लिये समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है l
गुजरात और महाराष्ट्र मे रैगर समाज को कोई जानता तक नहीं है और उन्हें OBC कैटेगरी में डाल रखा है, समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगो ने उनके लिए क्या काम किया है । आप लोग उनसे चंदा मांगने किस मुख से जा रहे हों आप लोगो ने उनके लिए क्या किया है । आप लोगो को राजस्थान और दिल्ली के अलावा कोई नही जानता है और बोलते हैं कि हम भारत की महासभा के मुखिया हैं । आप लोगो ने कभी कछ या भुज जाकर देखा है, पंजाब में अमृतसर के पास पाकिस्तान बॉर्डर पर पट्टी गांव में जो रेगर हैं उन से मिलने गए हों । रैगर समाज की समस्याओ के लिए कभी दूसरे राज्यो का दौर किया हो, भाई लोगो whatsapp पर गाल बजाने से काम नहीं चलता है कुछ काम करना पड़ता है । इसलिए रैगर समाज में राजनीति नहीं, केवल रैगरों के विकास की बात हो l
समाज राजनीति से परे हो, यहां पर सिर्फ समाज विकास की बात होनी चाहिए । आप जब नौकरी में सर्वोच्च पद पर रहे थे उस समय समाज और रैगरों का क्या भला किया वो बताना तो उचित है l अब तो समाज के सब प्रत्याशी सामान रूप चुनाव लड़ रहे है, पूर्व पदों का अनुचित बखान नहीं होना चाहिए l समाज को नई दिशा देने की सोच होनी चाहिए l समाज के महापुरुषों के कार्यों से प्रेरणा लेकर कार्य करना चाहिए। जिससे समाज में एक नई व सकारात्मक पुरातन संस्कृति की अवधारणा को आगे बढ़ाने का कार्य करने की आवश्यकता है l