Thursday 12 December 2024 5:53 AM
Samajhitexpress

रैगर समाज के सभी भाईयों/बहनों को मेरी ओर से वदन एवं अभिनन्दन ।

मैं आपसे दो महत्वपूर्ण विषय पर  गम्भीरता से विचार करने हेतु आग्रह कर रहा हूँ । प्रथम यह कि, मैं आप सभी से रैगर समाज की एकता के लिए विनम्र अनुरोध करता हॅू । एकता से हम वह सभी हासिल कर सकते हैं, जो हम विकास की दृष्टि से चाहते हैं, जैसे राजनैतिक उपलब्धि, सामाजिक विकास एवं आर्थिक विकास आदि । हमें अपने बच्चों की शिक्षा पर बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है । उन्हें अभी से अच्छे संस्कार देने की शुरुआत करनी होगी जैसे माता-पिता से आदर सम्मान से बात करें, अपने भाई बहनों से प्यार एवं गरीब अमीर सभी से वे समभाव से बातचीत/व्यवहार करें । उनकी दिनचर्या की शुरुआत योगा, व्यायाम आदि से कराई जाये एवं दुर्गुणों से मुक्ति के लिए अच्छी आदतों और साहित्य का समावेष कराया जाये । उनका शारीरिक मानसिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास अर्थात सर्वांगीण विकास हो, इसलिए उन्हें घर का शुद्ध भोजन करने एवं सुबह उठने की आदत को परिपक्व बनाया जाये ।

दूसरी बात मैं यह कहना चाहता हूँ कि अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत भी जिन्हें सरकारी नौकरी और प्रायवेट नौकरी नही मिली, और वे धन के अभाव के कारण बहुत छोटे स्तर पर स्वरोजगार चला रहे हैं या नही चला रहे हैं, तो इस प्रकार के सभी लोगों के लिए मेरा सुझाव है कि, वे सरकार/प्रशासन की योजनाओ के आधार पर स्वरोजगार उद्यमिता विकास प्रशिक्षण प्राप्त कर लाभ अर्जित करें । स्वरोजगार की पहली सीढ़ी है, ‘‘प्रशिक्षण’’ हमारे आर्थिक विशेषज्ञ यह कहते हैं कि वर्तमान में सभी सफल व्यक्ति जन्म से करोड़पति नहीं थे । वह अनुभव प्रशिक्षण एवं सुविधाओं का लाभ उठाकर उच्च शिखर पर पहुंचे हैं । इसलिये सरकार/प्रशासन भी चाहता है कि आप प्रशिक्षण प्राप्त कर स्व-रोजगार स्थापित करें । इससे सफलता सुनिश्चित होती है । प्रशिक्षण ‘‘औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान’’ से निःशुल्क या न्यूनतम शुल्क देकर प्राप्त करें ।

अंत में कहना चाहता हॅूं कि, कोई भी मंजिल पाना आसान नहीं होती है । चाहे वह शिक्षा गृहण करना हो या नौकरी प्राप्त करना हो । सभी में समस्यायें जरुर आती हैं, सभी रास्तों में कांटे भी होते हैं, पर हमें ऐसी स्थिति से घबराना नहीं चाहिये । हमें साहस, योग्यता, संयम एवं विनम्रता के साथ अपनी मंजिल पर पहुंचना चाहिये । किसी ने कितना खुबसूरत कहा भी है कि,‘‘खुदी को कर बुलंद इतना किखुदा तुमसे ये पूछे किबता तेरी रजा क्या है ।’’  हमें हर तरह से अपनी योग्यता साबित करनी होगी । किसी और कवि ने भी कहा है कि, ‘‘कामयाबी की चाहत सभी रखते हैं, परंतु कामयाबी मिलती उन्ही को हैजो लग्न से पूरा प्रयास करते हैं ।’’

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