युवा पीढ़ी को अपने पिता से कुछ ऐसे वाक्य नहीं बोलने चाहिए
पिता की उम्र बेटे से अधिक होती है, हर बाप बेटे से पहले बूढ़ा हो जाता है । यह बात बताने या समझाने वाली नहीं है । यह हम सब जानते हैं । मगर कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कि अपने पिता की उम्र को लेकर कुछ न कुछ ऐसा मजाक में या गंभीर होकर बोल देते हैं । जैसे:- पापा आपका जमाना गया, आपका दिमाग भी बूढ़ा हो गया है, अरे मेरे लिए किया ही क्या है?, पापा हमारे जमाने की बात आपकी समझ में नहीं आएगी, आप बस खाइए, सोइए और क्या काम है, पापा अब आपकी हड्डियां कमजोर हो गई हैं, अरे ये सब जवान लोगों को सूट करता है आदि l जो ये सब कभी भी नहीं बोलनी चाहिए ।
पापा आपका जमाना गया : जमाना तो किसी का भी नहीं रहता है । यह बदलता रहता है। शायद आपका भी जमाना चला जाएगा और तब एक नई पीढ़ी की शुरुआत होगी। सोचिए अगर आपको आपका बेटा बोले-‘पापा आपका जमाना गया‘। ऐसे में आपको कैसा लगेगा । हां, अगर आपको उनकी कोई बात नापसंद लगती है या उनके जमाने के साथ तुलना करनी है तो बेहतर तरीके से समझाएं। मगर कभी भी जमाना जाने की बात न करें । यह दुखी करने वाली बात है । आपके पिता जानते हैं कि नया दौर चल रहा है लेकिन उन्हें बोलकर अहसास न कराएं ।
‘आपका दिमाग भी बूढ़ा हो गया है‘ : यह हो सकता है कि आपको पापा के कुछ ख्याल पसंद न आएं । मगर ख्याल या सोच कभी बूढ़े नहीं होते हैं । हर प्रकार के सोच ख्यालात की जरूरत पड़ती रहती है । इसलिए कभी भी किसी के ख्यालात की उम्र के साथ तुलना न करें। ऐसी बातें कहना अच्छी बात नहीं है । आप लॉजिक के साथ सोचिए तो पता चलेगा कि कभी भी दिमाग बूढ़ा नहीं होता । अपने पिता की बातों को सोचने और समझने की कोशिश करें । मगर उनको इस तरह बोलकर दुखी न करें ।
‘अरे मेरे लिए किया ही क्या है?’ : कई बार हम लड़कों को असफलता और फ्रस्टेशन के बाद लगता है कि शायद मेरे मां-बाप ने मेरे लिए एम्पायर खड़ा किया होता । इसी बात को सोचने के बाद वे लोग इस तरह की बात बोलते हैं- ‘अरे मेरे लिए किया ही क्या है?’ ऐसा कहने से पहले सोचिए, अगर वह आपको चलना नहीं सिखाया होता, पालन-पोषण नहीं किया होता, शिक्षित नहीं किया होता आदि । अगर आपके पिता ने आपको यहां तक ला दिया है तो इससे बड़ा कुछ नहीं होता। अब आपको आगे का सफर तय करना है । अपनी गलतियों के कारण पिता को न कोसें ।
‘पापा हमारे जमाने की बात आपकी समझ में नहीं आएगी‘ : कई बार हम अपने दोस्त या किसी अन्य के साथ बात कर रहे होते हैं । इसके बाद हमारी उलझन को देखकर पापा लोग पूछ देते हैं । मगर इसके बाद हम समाधान पर बात करने की बजाय बोल देते हैं- ‘पापा हमारे जमाने की बात आपकी समझ में नहीं आएगी’ l मगर ये आपका घमंड है । आप एक बार अपनी बातों को पिता के साथ शेयर करके देखें । उनका अनुभव आपके काम आ सकता है । इसलिए हमेशा अपने जमाने का अहंकार में खोए ना रहें ।
‘आप बस खाइए, सोइए और क्या काम है‘ : पिता ने अपने संघर्ष के दिन काट लिए हैं । अब वह अपनी नौकरी से रिटायर हो चुके हैं । उनको ये सारी बातें पता हैं । मगर आपको यह कहने की जरूरत नहीं है । उनको भी पता है कि घर पर खाने और सोने के सिवा कुछ खास नहीं करना है । आप उनसे और क्या कराना चाहते हैं। अगर नहीं तो फिर मत बोलिए कि ‘आप बस खाइए, सोइए और क्या काम है ।’
‘पापा अब आपकी हड्डियां कमजोर हो गई हैं‘ : कई बार पापा कुछ ऐसे काम कर सकते हैं जो कि नहीं करना चाहिए । मगर अच्छी बात यह है कि वह अभी भी उत्साह के साथ कोशिश कर रहे हैं । इसलिए उनको हतोत्साहित न करें । खासकर ऐसी लाइन न बोलें- ‘पापा अब आपकी हड्डियां कमजोर हो गई हैं ।’
‘अरे ये सब जवान लोगों को सूट करता है‘ : अगर पापा आपकी पसंद की टी-शर्ट, शर्ट या अन्य चीजों को पसंद करते हैं तो उनको पहनने से न रोकें । क्योंकि उम्र और फैशन का कोई संबंध नहीं है । हमें अपनी पसंद को प्राथमिकता देनी चाहिए । इसलिए जजमेंटल होकर न कहें- ‘अरे ये सब जवान लोगों को सूट करता है ।’