बाबा साहब ही महिला सशक्तिकरण के असली नायक है – लीलावती वर्मा उदेनिया
‘मैं किसी समाज की तरक्की इस बात से देखता हूं कि वहां महिलाओं ने कितनी तरक्की की है।’ -डॉ• अंबेडकर
सर्वप्रथम आज अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर मैं दिल की गहराईयों से बाबा साहब को सादर नमन करती हूं । भारतीय समाज में क्रांतिकारी सुधार लाने के लिए डॉ. अम्बेडकर जी का सपना था महिलाओ का विकास, जिसके लिए उन्होंने सविधान में महिलाओं को पुरुषो के बराबर दर्जा दिलाने के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान किये l डॉ. अम्बेडकर चाहते थे कि भारतीय स्त्री खासकर, हिन्दू स्त्री जिसमें सवर्ण तथा दलित दोनों की समाजिक, आर्थिक, और राजनैतिक स्थिति में क्रांतिकारी परिवर्तन हो ।
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है और आज बाबा साहेब को याद ना किया तो क्या किया, आज महिला जो कुछ भी है सिर्फ उन्ही के कारण महिलाओं के उत्थान के लिए बाबा साहब डॉक्टर आंबेडकर कितने गंभीर थे…ये बताने के लिए उनका ये एक कथन ही काफी है । भारत में जब फेमिनिज़्म यानी नारीवाद का कोई नाम भी ढंग से नहीं जानता था, उस वक्त बाबा साहब डॉक्टर आंबेडकर ने नारी सशक्तिकरण के ऐसे काम किए जिससे आज भारतीय महिलाएं अंतरिक्ष तक पहुंच चुकी हैं ।
20वीं शताब्दी में बाबा साहब पहले वो व्यक्ति थे जिन्होंने ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को खुली चुनौती दी थी मॉडर्न थींकिंग और दूरदर्शिता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जब भारतीय समाज महिलाओं को चार दीवारी में कैद रखे हुए था तब उन्होंने कामकाजी महिलाओं के लिए मैटरनिटी लीव दिलाई ।
पहले एकाध महिला ही नौकरी करतीं थीं, अब शिक्षा हासिल करके महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहीं हैं । महिलाएं इतनी सक्षम हो चुकीं हैं कि वे दूसरे ग्रह पर भी जाकर विश्व कल्याण के लिए अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रहीं हैं । बाबा साहेब के दिखाए मार्ग पर चलकर देश और समाज को तेजी से आगे बढ़ा रही है ।
लेकिन विडंबना देखिए … इतना सब कुछ करने के बाद भी बाबा साहब भारत में नारीवाद का चेहरा नहीं बन पाए । लोगों ने उन्हें सिर्फ दलितों के नेता और संविधान निर्माता तक सीमित कर दिया जबकि महिलाओं की भलाई के लिए उनके जितने काम शायद ही किसी भारतीय नेता ने किए हों ।
समाजसेवी लीलावती वर्मा उदेनिया ने समाजहित एक्सप्रेस के संपादक रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया को फोन पर बातचीत के दौरान समाजहित एक्सप्रेस के माध्यम से सोशल मीडिया पर सामाजिक ग्रुप से जुड़े लोगों से अपील की कि वे बाबा साहेब के बताए मार्ग पर चलकर अपना जीवन दूसरों की सहायता में लगाएं । उन्होंने कहा कि बाबासाहेब ने महिलाओं को समानता का अधिकार दिलाया । उन्हीं की बदौलत आज महिलाएं घर की दहलीज से बाहर निकलकर अपनी विशेष पहचान बना चुकीं हैं ।