रैगर समाज के लोग अखिल भारतीय रैगर महासभा के चुनाव में अच्छे उम्मीदवार चुनने की मुहिम में जुटे
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l अखिल भारतीय रैगर महासभा के चुनाव की रणभेरी बजने के बाद चुनाव लड़ने वाले इच्छुक प्रत्याशियों ने मैदान में ताल ठोंकने की तैयारी शुरू कर दी है । हर कोई चुनाव जीतने की इच्छा पाले मैदान में आने के लिए बेताब है । वहीं दूसरी ओर अखिल भारतीय रैगर महासभा में भी चुनाव में काबिल व पढ़े-लिखे लोगों को जिताने की मुहिम शुरू कर दी है ।
इस मुहिम में पहल करते हुए समाजसेवी मदन लाल भांकरीवाल (सेवानिवृत) ने पैनल/दलगत राजनीति से उपर उठकर अच्छे लोगों को चुनने की कवायद शुरू कर दी है । मदन लाल चाहते है कि चुनाव के माध्यम से ऐसे साफ सुथरे प्रत्याशी जीतकर आगे आएं जो किसी स्वार्थ की भावना के बिना सेवाभाव से समाज का चहुंमुखी विकास करने व करवाने को तरजीह दें ।
मदन लाल भांकरीवाल ने लिखा है कि आगामी 25 दिसंबर 2022 को अखिल भारतीय रैगर महासभा के अखिल भारतीय स्तर पर त्रिवार्षिक चुनाव होने जा रहे हैं, इस बार इन चुनावों को लेकर समाज के सभी नौजवानों, बुजुर्गों में बड़ा ही उत्साह देखने को मिल रहा है जो इस संस्था से जुड़े हुए हैं, एक अच्छी सोच का परिचायक है । लेकिन उत्साह के साथ बुद्धिमता भी होनी जरुरी है क्योंकि आने वाला समय ही रैगर समाज की दिशा व दशा को तय करेगा l चुनावी मैदान में समाज के लोग जोहर दिखाने के लिए अलग-अलग विचारों के साथ आप लोगो के सामने आएंगें और परखना आपने है ।
अखिल भारतीय रैगर महासभा के चुनाव में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को लेकर कई लोग अपनी-अपनी दावेदारी जता रहे हैं जिनमें पहले अध्यक्ष रह चुके लोग व नये लोगों की दावेदारियां सम्मिलित हैं । अध्यक्ष पद के दावेदारों को लेकर समाज के बुद्धिजीवियों के विचार अध्यक्ष पद को लेकर आने लग रहे हैं जैसे कि कोई अपने क्षेत्र, जिला, राज्य के व्यक्ति को अध्यक्ष देखना चाहता है, कोई पूर्व अध्यक्ष को पुनः चुनवाना चाहता है, कोई वर्तमान अध्यक्ष को एक ओर अवसर देना चाहता है तो कोई नये चेहरे को अध्यक्ष चुनना चाहते हैं। लोगों के विचार हैं और विचार पटल पर आने भी चाहिए ताकि यह पता चले कि कौन किस आधार पर क्या चाहता है…?
ज्यादातर समाज बंधुओं ने अध्यक्ष के पद को लेकर जो विचार रखे हैं उनका सारांश यही है कि कोई व्यक्ति वर्तमान अध्यक्ष के कार्य से खुश नहीं, कोई पहले वाले अध्यक्ष के कार्य को अच्छा नहीं मानते हैं तो कोई इन सभी की कार्यशैली और समाज के प्रति कोई खास कार्य नहीं किए जाने तथा अखिल भारतीय रैगर महासभा को एक राजनीतिक (भाजपा/कांग्रेस) पार्टी का अखाड़ा बना दिए जाने से नाराज़ हैं तो कोई किसी नये चहरे चाहे वह नौजवान हो, वृद्ध हो, गरीब हो, अमीर हो, कम पढ़ा लिखा हो या फिर ज्यादा इससे कोई मतलब नहीं बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायी हो, राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिलवाने के साथ साथ समाज पर हो रहे अत्याचारों से निपटने में समाज को संगठित करने में सक्षम हो….. इत्यादि ।
मैं इस सम्बंध में आप सभी समाज बन्धुओं को एक महत्वपूर्ण बात से अवगत कराना चाहता हूं जिसे मैंने स्वयं महसूस किया है:-
1. यदि एक बार किसी व्यक्ति के अध्यक्ष पद पर रहते हुए, समाज उसकी कार्यशैली से भलीभाति अवगत हो चुका है तो ऐसे व्यक्ति को पुनः चुनने का अवसर किस आधार पर दिया जाए, क्योंकि यदि उसके कार्य समाज के प्रति अच्छे होते तो वह चुनाव क्यों हारता और इसलिए ऐसे व्यक्ति को पुनः चुनना कोई समझदारी नहीं है ।
2. कोई व्यक्ति वर्तमान में अध्यक्ष पद पर रहते हुए पुनः चुनाव लडना चाहता है और समाज उसके कार्यों से सन्तुष्ट नहीं है तो जनता उसको वैसे ही नकार देगी ।
इसलिए साथियों भूतकाल को छोड़ो वर्तमान और भविष्य को ध्यान में रखते हुए चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग सद्बुद्धि से करें और समाज को एक योग्य व्यक्ति के रूप में अध्यक्ष उपलब्ध करवाएं । इसी में समाज का व सामाजिक संस्था अखिल भारतीय रैगर महासभा दोनों का भला है क्योंकि हम सब ने टी.आर. वर्मा, बी.एल. नवल तथा डा०. एस.के. मोहनपुरिया तीनों ही अध्यक्षों का कार्यकाल देखा है l पूर्व अध्यक्षों ने अपने विवेक अनुसार तो समाज को आगे बढ़ाने हेतु सामाजिक, शैक्षणिक, राजनैतिक रूप से ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूती दिलाने का प्रयास किया है लेकिन आप समाज के मतदाता और जज है यह आप भलीभांति समझ पा रहे हैं कि इन तीनों अध्यक्षों की कार्यशैली से रैगर समाज का कितना उद्धार हुआ है और समाज ने इनके कार्यकाल में क्या पाया है और क्या खोया है…? भविष्य के निर्णायक आप है समय आपके साथ है, गहन सोच विचार कर आगामी 25 दिसंबर 2022 को मतदान करें l